उत्तराखण्डगढ़वाल,

उत्तराखंड- सुरंग में फंसी 40 जिदंगियां, 30 घंटों से लगातार चल रहा राहत-बचाव कार्य, सीएम धामी ने किया घटना स्थल का निरीक्षण, कहा- अच्छी बात ये है उनसे संपर्क हुआ

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि यह सुरंग निर्माणाधीन थी जो लगभग 4.5 किलोमीटर लंबी होनी थी, जिसमें से मात्र 400 मीटर ही तोड़े जाने के लिए बाकी था। अचानक बीच में मलबा गिरने की वजह से 40 मजदूर सुरंग के अंदर फंस गए हैं। बचाव का काम तेजी से हो रहा है। रात को उनसे संपर्क भी स्थापित हो गया था। सुरंग के अंदर ऑक्सीजन, पानी और खाद्य सामग्री भेजी जा रही है।

सचिव आपदा प्रबंधन डॉ.रंजीत कुमार सिन्हा भी थोड़ी देर में घटना स्थल पर पहुंचेंगे। सचिव आपदा प्रबंधन भी घटनास्थल पर रेस्क्यू ऑपरेशन की जानकारी लेंगे।

मुख्यमंत्री के साथ घटना स्थल पर निरीक्षण के लिए आए गढ़वाल मंडल के आयुक्त विनय शंकर पांडे ने भी राहत और बचाव कार्य की जानकारी ली। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि आवश्यक सामग्री की समय से व्यवस्था कर ली जाए।

उत्तरकाशी टनल हादसे पर उत्तरकाशी ज़िला मजिस्ट्रेट अभिषेक रोहिला ने बताया कि मलबा हटाया जा रहा है। जल्द से जल्द लोगों को बाहर निकालने का प्रयास किया जा रहा है। हवा सप्लाई की जा रही है। उनसे संवाद की कोशिश भी की जा रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा राहत और बचाव कार्यों के लिए सभी संभव विकल्पों पर विचार किया जा रहा है। बचाव कार्य के लिए बड़े व्यास के ह्यूम पाइप हरिद्वार और देहरादून से भेजे जाने की व्यवस्था कर दी गई है। मुख्यमंत्री ने भरोसा जताया की ईश्वर की कृपा और बचाव अभियान में जुटे लोगों के अनथक प्रयासों के चलते सुरंग के अंदर फंसे मजदूरों को जल्द सुरक्षित निकाल लिया जाएगा।

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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा ने कहा कि सभी विशेषज्ञ एजेंसियां श्रमिकों को सकुशल बाहर निकालने का काम कर रही हैं। इस समय हमारी प्राथमिकता है कि सभी 40 श्रमिकों को बाहर निकाला जाए। हम उनके परिजनों को आश्वस्त करना चाहते हैं कि केंद्र और राज्य सरकार हर संभव प्रयास कर रही है। अच्छी बात ये है कि उनसे संपर्क हो गया है।

उत्तरकाशी टनल हादसे पर एनडीआरएफ के असिस्टेंट कमांडेंट करमवीर सिंह भंडारी का कहना है कि सुरंग के अंदर फंसे सभी 40 लोग सुरक्षित हैं, हमने उन्हें पानी और खाना मुहैया कराया है। बचाव कार्य जारी है। मलबा गीला होने के कारण हमें थोड़ी दिक्कत हो रही है, लेकिन हमारी टीम कोई कसर नहीं छोड़ रही है और बचाव कार्य जारी है।

उत्तरकाशी सुरंग हादसा: उत्तरकाशी-यमनोत्री मार्ग पर स्थित सिल्क्यारा सुरंग में राहत और बचाव कार्य युद्धस्तर पर जारी है। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें मौके पर मौजूद हैं।

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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी उत्तरकाशी के सिलक्यारा के पास सुरंग से हुए भू-धंसाव की घटना का स्थलीय निरीक्षण करने पहुंचे हैं। सीएम पुष्कर सिंह धामी लगातार अधिकारियों से स्थिति का अपडेट ले रहे हैं। अब ग्राउंड पर जाकर स्थलीय निरीक्षण किया है। अधिकारियों से बातचीत की है। सिल्क्यारा टनल के अंदर फंसे मजदूरों को सुरक्षित निकालने के लिए राहत और बचाव का अभियान पिछले 30 घंटे से अधिक समय से लगातार जारी है।

प्रांतीय रक्षक दल (पीआरडी) जवान रणवीर सिंह चौहान ने बताया कि काम बहुत तेजी से चल रहा है। हर कोई बहुत मेहनत कर रहा है। हम कल दुखी थे क्योंकि हम फंसे हुए लोगों से बात नहीं कर पा रहे थे। लेकिन अब हम उनसे बात कर रहे हैं।

एनडीआरएफ के सहायक कमांडर कर्मवीर सिंह भंडारी ने बताया कि बचाव अभियान जारी है, हमें उम्मीद है कि आज शाम तक हम मलबे को तोड़ देंगे और घटनास्थल तक पहुंच जाएंगे। फंसे हुए श्रमिकों को बचाने के लिए। उस हिस्से में प्लास्टर का काम पूरा नहीं हुआ था, यही कारण है कि सुरंग ढह गई। 

एनडीआरएफ की टीमों का कहना है कि अंदर फंसे मजदूरों को नाश्ता और पानी दिया गया है। उन्हें उम्मीद है कि आज शाम तक वे मलबे को तोड़कर मजदूरों को बाहर निकाल लेंगे। हम फंसे हुए श्रमिकों को कुछ चिप्स और पानी देने में कामयाब रहे हैं। हम पुष्टि कर सकते हैं कि श्रमिक सुरक्षित स्थिति में हैं। 

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उत्तरकाशी के सर्कल अधिकारी प्रशांत कुमार ने बताया कि मलबा लगभग 60 मीटर गहरा है। जैसे ही हम मलबा हटा रहे हैं, यह ऊपर से गिर रहा है। वर्तमान स्थिति यह है कि कल हमने सुरंग के अंदर फंसे लोगों के साथ संचार स्थापित किया था। हमने सुरंग के अंदर लगभग 15 मीटर तक चले गए हैं, और लगभग 35 मीटर की दूरी तय करना बाकी है। हर कोई सुरक्षित है, हमने उन्हें ऑक्सीजन और पानी उपलब्ध कराया है। हम सुरंग के अंदर जाने के लिए बग़ल में अपना रास्ता बना रहे हैं।

उत्तरकाशी में निर्माणाधीन सुरंग में हुए भूस्खलन के बाद बचाव अभियान दूसरे दिन भी जारी है। सुरंग के अंदर 40 से अधिक मजदूर फंसे हुए हैं, जबकि बचाव दल सुरंग में 15 मीटर तक घुसने में कामयाब रहे। बचावकर्मियों का कहना है कि फंसे हुए 40 श्रमिकों के स्थान तक पहुंचने के लिए टीमों को अभी भी लगभग 35 मीटर अधिक मलबा साफ करना होगा। बचावकर्मी फंसे हुए श्रमिकों के साथ संचार स्थापित कर लिया है।