लालकुआं- (दुखद) नवरात्रि में खरीदी थी कार, परिवार को लेकर पैतृक गांव जाते समय हो गया दर्दनाक हादसा, पूरा परिवार पल भर में समा गया मौत की आगोश में
लालकुआं न्यूज़– लालकुआं के निकटवर्ती क्षेत्र दुर्गापाल कॉलोनी बिन्दुखत्ता निवासी सोनू शाह और रवि शाह ने मेहनत मजदूरी करके गत नवरात्रि में सेकंड हैंड कार खरीदी थी। जिससे अपने पैतृक गांव में पिता समेत पूरे परिवार को दिखाने के उद्देश्य से और साथ ही वहां होने वाले दो कार्यक्रमों में शामिल होने के लिए पूरे परिवार के साथ जा रहे थे। परंतु नियति को कुछ और ही मंजूर था। घर पहुंचने से पहले ही यह दर्दनाक हादसा हो गया तथा पल भर में सारी खुशियां मातम में बदल गई और पूरा परिवार समाप्त हो गया।
दुर्गापाल कॉलोनी बिन्दुखत्ता में रहने वाले ग्रामीणों का कहना है कि सोनू शाह के पिता पारस शाह सेंचुरी पेपर मिल में नियमित श्रमिक थे। वह सेंचुरी से सेवानिवृत्त होने के बाद अपने पैतृक गांव चले गए कुछ समय पहले ही सेंचुरी पेपर मिल में सोनू गार्जियन कोटे से नियमित हुआ था तथा उसका भाई मजदूरी आदि करता था। पता चला है कि उक्त परिवार अपने भाई के पुत्र के मुंडन संस्कार में शामिल होने के लिए एवं अपने वृद्ध पिता से मिलने के लिए पैतृक गांव जा रहा था तथा सोनू की पत्नी पूजा की रिश्तेदारी में भी एक विवाह समारोह होने वाला है उक्त परिवार को वहां भी पहुंचना था कि इससे पूर्व ही यह दुर्घटना हो गई और परिवार के सभी सदस्य काल के ग्रास बन गए।
दुर्गापाल कॉलोनी में निवास करने वाले नरसिंह वर्मा और विक्रम सक्सेना ने बताया कि मिलनसार हंसमुख स्वभाव के सोनू शाह ने हाल में नवरात्रि के दौरान सेकंड हैंड कार खरीदी थी। वह अत्यंत उत्साहित था तथा उसका कहना था की कार से अपने पैतृक गांव जाऊंगा और पिताजी को भी अपनी कार दिखाऊंगा। परंतु घर पहुंचने से पहले ही यह दर्दनाक हादसा हो गया। वह अपने गांव बंकुल थाना बनकटा जिला देवरिया जा रहे थे।
हादसे में सोनू शाह, उसकी पत्नी, पुत्र और पुत्री, छोटा भाई और छोटी बहन सभी की दर्दनाक मौत हो गई, उक्त घटना से पूरी कॉलोनी में शोक की लहर व्याप्त है, कई पड़ोसी आज सुबह मृतकों के अंतिम दर्शन के लिए उनके पैतृक गांव को रवाना हो गए हैं। इधर सोनू शाह के छोटे भाई अभिषेक उम्र 18 वर्ष हरिद्वार में सड़क निर्माण का कार्य करता है, उसे जैसे ही इस दर्दनाक हादसे की सूचना मिली तो वह अपने पैतृक गांव को रवाना हो गया है। अभिषेक का कहना है कि पारस शाह के पांच पुत्रों में वह सबसे छोटा है, तथा सोनू और रवि की मौत से उसके परिवार में कुदरत की ऐसी मार पड़ी है कि सब कुछ तबाह हो गया।