उत्तराखण्डकुमाऊं,

नैनीताल- हाईकोर्ट ने खारिज की कर्मचारी यूनियन की याचिका, उत्‍तराखंड के 13 मार्गों पर अब निजी बसें भी चलेंगी

उत्तराखंड में रोडवेज के 13 समर्पित मार्गों पर अब निजी यातायात वाहन भी चल सकेंगे। उत्तरांचल रोडवेज कर्मचारी यूनियन की याचिका हाईकोर्ट ने खारिज कर दी है। अब परिवहन विभाग इन मार्गों पर निजी सवारी वाहनों को परमिट जारी करेगा।

 

 

दरअसल, परिवहन विभाग ने इन मार्गों पर रोडवेज बसों के कम या नगण्य फेरे देखते हुए यात्रियों की सुविधा को आधार बनाकर निजी यातायात वाहनों के संचालन का प्रस्ताव तैयार किया था। उत्तरांचल रोडवेज कर्मचारी यूनियन ने इस पर यह कहते हुए आपत्ति जताई थी कि इससे परिवहन निगम की कमाई घट जाएगी। हालांकि बाद में शासन ने इसकी अधिसूचना जारी कर दी थी।

यह भी पढ़ें 👉  उत्तराखंड- अब अपराधियों पर चलेगा उत्तराखंड पुलिस का 'ऑपरेशन प्रहार', बना यह प्‍लान, कांवड़ के बाद होगा बड़ा एक्‍शन, पढ़े पूरी खबर।

 

 

मार्च में यूनियन इसके विरोध में हाईकोर्ट चली गई। हाईकोर्ट ने अधिसूचना पर स्टे लगा दिया था। अब हाईकोर्ट ने याचिका को ये कहते हुए खारिज कर दिया है कि परिवहन विभाग पहले ही आपत्ति का निराकरण कर चुका है।

यह भी पढ़ें 👉  विधायक डीएफओ व प्रशासनिक अधिकारियों ने किया बाढ़ से निपटने के इंतजामों का निरीक्षण

 

इन मार्गों पर अब निजी बसें भी चलेंगी

मार्ग का नाम- अधिसूचित फेरे

हल्द्वानी-रानीखेत मार्ग – 79 फेरे

रानीबाग-भीमताल-नौकुचियाताल मार्ग – बिना प्रतिबंध अनुमति

हल्द्वानी-सितारगंज-खटीमा-टनकपुर मार्ग – दो फेरे

टनकपुर-पिथौरागढ़-धारचूला मार्ग – बिना प्रतिबंध अनुमति

मुरादाबाद-रामपुर-किच्छा-हल्द्वानी मार्ग – जिला मुख्यालय तक सीधी सेवा व सिडकुल रुद्रपुर के चारों ओर सेवा

रानीखेत-अल्मोड़ा मार्ग – बिना प्रतिबंध अनुमति

हरिद्वार-ऋषिकेश-लक्ष्मणझूला मार्ग – 15 फेरे

देहरादून-मसूरी मार्ग – 15 फेरे

देहरादून-ऋषिकेश-नरेंद्रनगर मार्ग – 15 फेरे

सहारनपुर-भगवानपुर-चुड़ियाला मार्ग – उत्तराखंड में पड़ने वाले पूरे मार्ग पर 30 फेरे

यह भी पढ़ें 👉  वायरल वीडियो- देवभूमि में सज्जन कुमार बना "शराब की दुकान" बनियान में मिले 48 पव्वो को देख पुलिसवालों ने बजाई तालिया, देखे वीडियो

हरिद्वार-लक्सर मार्ग – 30 फेरे

झबरेड़ा-मंगलौर मार्ग – 20 फेरे

मंगलौर-लखनौता मार्ग – 20 फेरे

 

उत्तरांचल रोडवेज कर्मचारी यूनियन के प्रदेश महामंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि वे हाईकोर्ट के निर्णय का सम्मान करते हैं। लेकिन इससे परिवहन निगम का अस्तित्व खतरे में पड़ सकता है। कहा कि हम निर्णय पर पुनर्विचार का निवेदन करेंगे। मुख्यमंत्री से भी अनुरोध करेंगे।