बरात की खुशियाँ मातम में बदलीं: पिथौरागढ़ में दर्दनाक हादसे में दूल्हे की बहन, भांजे समेत 4 की मौत; छोटा भाई जीवन-मौत से जूझ रहा

पिथौरागढ़ न्यूज़- गणाई गंगोली क्षेत्र के किलौटा गांव में खुशी का माहौल कुछ ही घंटों में मातम में बदल गया। जिस घर में शादी की शहनाई गूंज रही थी, वहां आज चीख-पुकार और रोने-बिलखने की आवाजें गूंज रही हैं। बरात से लौटते वक्त हुए दर्दनाक सड़क हादसे में दूल्हे की बड़ी बहन, छह साल के भांजे, छोटी बहन के पति और देवर की मौत हो गई। हादसे में दूल्हे का छोटा भाई भी गंभीर रूप से घायल है और अस्पताल में जिंदगी की जंग लड़ रहा है। पूरे गांव में कोहराम मचा हुआ है।
बारात से लौटते वक्त हुआ हादसा
किटौला गांव के बबलू पंडा की शादी की तैयारी कई दिनों से चल रही थी। रिश्तेदार और गांव के लोग मिलकर खुशियों में डूबे थे। गुरुवार को ढोल-नगाड़ों और छोलिया नृत्य के साथ बरात लोहाघाट के बालातड़ी गांव पहुंची, जहां दूल्हा-दुल्हन ने सात फेरे लिए। देर रात बरात वापस घर के लिए निकली, लेकिन किसी को अंदेशा भी नहीं था कि रास्ते में एक भयावह दुर्घटना इंतजार कर रही है।
घाट क्षेत्र के पास बरातियों से भरा एक वाहन अनियंत्रित होकर गहरी खाई में जा गिरा। चार लोगों की मौके पर ही मौत हो गई।
इन लोगों ने खो दी अपनी जान
दुर्घटना में दूल्हे की बड़ी बहन भावना चौबे, उनका छह साल का बेटा प्रियांशु, छोटी बहन के पति प्रकाश चंद्र उनियाल, और प्रकाश के देवर केवल चंद्र उनियाल की मौत हो गई।
हादसे की खबर गांव में पहुंचते ही शादी का घर मातम में बदल गया। सभी खुशियां पलभर में गम में डूब गईं।
छोटा भाई भाष्कर अस्पताल में जीवन-मौत से संघर्षरत
दूल्हे का छोटा भाई भाष्कर बरात में छोलिया दल का नेतृत्व कर रहा था। शादी की खुशियों में सबसे आगे रहने वाला भाष्कर भी उसी वाहन में सवार था। गंभीर रूप से घायल भाष्कर अस्पताल में भर्ती है और जिंदगी की लड़ाई लड़ रहा है। उसे अब तक यह भी नहीं बताया गया कि उसके अपने हमेशा के लिए बिछड़ गए हैं।
मां की गोद में बैठे चेतन को छूकर निकल गई मौत
हादसे के समय भावना चौबे अपने पति सुरेश, छह साल के बेटे प्रियांशु और पांच साल के बेटे चेतन के साथ वाहन में बैठी थीं।
मां की गोद में बैठा छोटा बेटा चेतन चमत्कारिक रूप से बच गया, जबकि उसकी मां और भाई ने मौके पर ही दम तोड़ दिया।
मासूम चेतन अभी यह भी नहीं समझ पा रहा है कि उसकी मां और भाई उसे हमेशा के लिए छोड़ कर चले गए हैं।
दूसरे वाहन में होने से बची सुरेश चौबे की जान
भावना के पति सुरेश चौबे भी शादी में शामिल होने ससुराल आए थे। बरात लौटते समय वह पत्नी और बच्चों के बजाय दूसरे वाहन में बैठ गए थे। इस निर्णय ने उनकी जान बचा ली।
जब उन्हें हादसे की सूचना मिली, तो पत्नी और बेटे की मौत ने उन्हें अंदर तक तोड़ दिया। वह अस्पताल और गांव में सदमे की हालत में हैं।
गांव में पसरा मातम
हादसे ने किलौटा गांव के साथ पूरे क्षेत्र को शोक में डुबो दिया है। खुशियों का माहौल एक पल में मातम में बदल गया। हर चेहरे पर दुख, हर घर में सन्नाटा है। लोग समझ नहीं पा रहे कि शादी से लौटते बरातियों के साथ इतनी बड़ी त्रासदी कैसे हो गई।







