उत्तराखंड- यहाँ सिंचाई विभाग से रिटायर्ड बुजुर्ग की गला रेतकर हत्या, बाथरूम में खून से लथपथ मिला शव, पुलिस जांच में जुटी।
हरिद्वार न्यूज़- हरिद्वार जिले के हरकी पैड़ी क्षेत्र में सोमवार तड़के युवक के सिर में गोली मारकर हत्या को चंद घंटों में पर्दाफाश करने के 12 घंटे के भीतर हत्या की एक और घटना से पुलिस में हड़कंप मच गया। कनखल के बैरागी कैंप में सिंचाई विभाग के एक रिटायर्ड कर्मचारी की गला रेतकर हत्या से सनसनी फैल गई।
77 वर्षीय बुजुर्ग का खून से लथपथ शव सेवाश्रम में बाथरूम के बाहर पड़ा मिला। एसएसपी अजय सिंह सहित पुलिस अधिकारियों, एसओजी और फॉरेंसिक टीम ने घटनास्थल पर पहुंचकर जानकारी ली। पुलिस हर एंगल से मामले की जांच शुरू कर दी है।
पुलिस के मुताबिक, रानीपुर की शिवलोक कॉलोनी निवासी डाॅ. अशोक चड्ढा सिंचाई विभाग से रिटायर्ड थे। कुछ समय पहले उन्होंने कनखल के बैरागी कैंप क्षेत्र में कनखल शमशान घाट के ठीक सामने डाॅ. अशोक चड्ढा सेवाश्रम के नाम से एक संस्था बनाई थी, जिसमें यात्रियों और श्रद्धालुओं को किराए पर कमरे दिए जाते थे।
संस्था की देखरेख के लिए उन्होंने ज्वालापुर निवासी नरेंद्र को बतौर केयर टेकर रखा हुआ था। वे खुद भी रोजाना सुबह-शाम वहां जाते थे। केयर टेकर नरेंद्र का कहना है कि सोमवार दोपहर करीब साढ़े तीन बजे वह गंगा जी में मिट्टी लेने गया था। करीब सवा पांच बजे लौटा तो अशोक चड्ढा अपने कमरे में नहीं थे। वह बाथरूम की तरफ पहुंचा तो अशोक चड्ढा का खून से लथपथ शव फर्श पर पड़ा हुआ था।
नरेंद्र ने अशोक चड्ढा के घर पहुंचकर हत्या की सूचना दी, जिससे परिवार वालों के होश उड़ गए। हत्या की सूचना पर कनखल थानाध्यक्ष नितेश शर्मा ने मौके पर पहुंचकर जांच की। एसएसपी अजय सिंह, एसपी क्राइम रेखा यादव, एसपी सिटी स्वतंत्र कुमार, सीओ सिटी जूही मनराल, रानीपुर कोतवाल नरेंद्र बिष्ट, लक्सर कोतवाली प्रभारी अमर चंद्र शर्मा, एसओजी इंस्पेक्टर विजय सिंह ने भी मौके पर पहुंचकर घटना की जानकारी जुटाई।
अशोक चड्ढा की बेटी दीप्ति ने पुलिस को बताया कि उसके पिता रोजाना सुबह और शाम के समय सेवाश्रम में आते थे। पुलिस ने केयर-टेकर नरेंद्र से भी पूछताछ की है। एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि अलग-अलग एंगल पर जांच की जा रही है। जल्द ही हत्यारोपी को गिरफ्तार कर घटना का पर्दाफाश कर लिया जाएगा।
पुलिस की छानबीन में सामने आया है कि डाॅ. अशोक चड्ढा ने कुछ समय पहले तक शिवमूर्ति चौक के पास अपना होटल बनाया हुआ था। कई अन्य जगहों पर भी संपत्तियां बताई गई हैं। दो तीन साल पहले होटल बेचकर बैरागी कैंप में जमीन खरीदी और सेवाश्रम बनाया था। पुलिस संपत्ति के एंगल पर भी जांच कर रही है। कहीं किसी संपत्ति पर कोई विवाद तो नहीं था, अशोक चड्ढा का किससे ज्यादातर मिलना-जुलना होता था, आखिरी बार आश्रम के आस पास कौन देखा गया है, इन सभी सवालों के जवाब ढूंढे जा रहे हैं।
अशोक चड्ढा की बेटी दीप्ति ने पुलिस को बताया कि रिटायरमेंट के बाद उसके पिता का आध्यात्म की तरफ रुझान बढ़ गया था। इसी उद्देश्य के लिए उन्होंने बैरागी कैंप में सेवाश्रम बनाया हुआ था। वह रोज सुबह-शाम आध्यात्मिक चिंतन के लिए वहां जाते थे। पुलिस ने डॉ. अशोक चड्ढा का कमरा भी देखा, जिसमें धर्म और आध्यात्म से जुड़ी किताबें व अन्य सामान मिला। वहीं, पुलिस ने आस-पास का मुआयना भी किया। पीछे अशोक चड्ढा के बेटे ने गुलशन रिजॉर्ट के नाम से एक रिजॉर्ट भी बनाया हुआ है। पुलिस ने उसके बारे में भी जानकारी जुटाई है।
वारदात में एक से ज्यादा कातिल हो सकते हैं। पुलिस भी यह मान रही है कि हत्या के पीछे एक से ज्यादा लोग होने की आशंका है। सेवाश्रम के एक तरफ बैरागी कैंप बस्ती है और दूसरी तरफ गंगा के उस पर कनखल क्षेत्र ओर ठीक सामने श्मशान घाट है। कातिल यदि कनखल की तरफ से आए होंगे तो कहीं न कहीं कैमरे में कैद हुए होंगे। इसलिए सीसीटीवी कैमरों की फुटेज भी चेक की जा रही है। मैन्युअल पुलिसिंग के लिए मुखबिर तंत्र को भी सक्रिय किया गया है।