भारत-पाकिस्तान तनाव के बीच केंद्र सरकार का बड़ा फैसला, सेना प्रमुख को दी विशेष शक्तियां

ड्रोन हमलों के बाद भारत-पाकिस्तान के तनाव के बीच मोदी सरकार ने बड़ा फैसला किया लिया है। सरकार ने सेना प्रमुख को विशेष शक्तियां देते हुए प्रादेशिक सेना को भारतीय बलों की सहायता करने को कहा है।
सरकार का कहना है कि अगर जरूरत पड़ती है तो टेरिटोरियल आर्मी को बुलाया जाए। इसके अलावा भारतीय सेना के कई रिटायर्ड अधिकारियों ने सेना प्रमुख को पत्र लिख कर जंग जैसे हालातों में एक्टिव ड्यूटी के लिए वॉलंटियर करने की पेशकश की है।
केंद्र की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि, भारतीय सेना प्रमुख को प्रादेशिक सेना के प्रत्येक अधिकारी और प्रत्येक भर्ती व्यक्ति को आवश्यक सुरक्षा प्रदान करने या नियमित सेना को सहायता या पूरक प्रदान करने के उद्देश्य से तैनात करने के लिए शक्तियों का प्रयोग करने का अधिकार दिया है। प्रादेशिक सेना नियम 1948 के नियम 33 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, केंद्र सरकार ने सेना प्रमुख को यह अधिकार दिए हैं।
क्या होती है टेरिटोरियल आर्मी
टेरिटोरियल आर्मी (Territorial Army – TA) भारत की एक अर्धसैनिक बल (part-time volunteer force) है जो नियमित सेना (Regular Army) की सहायता करती है। यह उन नागरिकों के लिए है जो अपनी सामान्य नौकरियों या व्यवसाय के साथ-साथ देश सेवा भी करना चाहते हैं। टेरिटोरियल आर्मी पार्ट-टाइम फोर्स है, जो केवल जरूरत के समय (जैसे युद्ध, आपदा, आंतरिक सुरक्षा, आदि) में एक्टिव की जाती है। इसमें भर्ती होने वाले व्यक्ति आम नागरिक होते हैं जो अपने प्रोफेशनल करियर के साथ-साथ सैनिक के रूप में भी सेवा देते हैं। यह नियमित सेना का हिस्सा नहीं है, लेकिन उसे सहायता देने का कार्य करती है।
