उत्तराखण्डकुमाऊं,

बिंदुखत्ता राजस्व ग्राम की अधिसूचना में देरी, विधायक के बयानों से जनता में नाराज़गी

हल्द्वानी न्यूज़- वन अधिकार अधिनियम, 2006 की धारा 3(1)(ज) के अंतर्गत बिंदुखत्ता राजस्व ग्राम का दावा जिला स्तरीय वन अधिकार समिति (DLC), नैनीताल द्वारा 19 जून 2024 को स्वीकृत कर शासन को भेजा गया था। अधिनियम के अनुसार DLC का निर्णय अंतिम और बाध्यकारी है, लेकिन डेढ़ वर्ष बीत जाने के बाद भी अधिसूचना जारी नहीं हुई और पंचायत चुनाव तक नहीं कराए गए।

 

 

हाल ही में लालकुआं विधायक डॉ. मोहन सिंह बिष्ट द्वारा 75 वर्ष के अभिलेख न होने की बात कहे जाने पर ग्रामीणों में आक्रोश है। ग्रामीणों का कहना है कि यह आपत्ति तर्कहीन और अधिनियम के प्रावधानों के विपरीत है। दावे में वर्ष 1932 का निशुल्क चारण आदेश, वन विभाग की कार्य योजना, वन संरक्षक की आख्या और बुजुर्गों के लिखित बयान पहले से ही संलग्न हैं। इन्हीं साक्ष्यों के आधार पर DLC ने दावा स्वीकृत किया था।

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ग्रामीणों का कहना है कि अधिनियम में 75 वर्ष तक वनाश्रित होना पर्याप्त है, जबकि अन्य कई गांवों को 1933, 1945 और 1950 के आधार पर पहले ही राजस्व ग्राम घोषित किया जा चुका है। उत्तर प्रदेश में तो केवल बुजुर्गों के बयानों पर ही 44 वनग्रामों को राजस्व का दर्जा दिया गया।

 

 

मुख्य सचिव द्वारा अन्य 425 गोठ-खत्तों की आख्या एक साथ मंगाने पर भी नाराज़गी है। ग्रामीणों का कहना है कि इसमें दो वर्ष और लगेंगे, जबकि बिंदुखत्ता पहले ही डेढ़ वर्ष की देरी झेल चुका है।

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पूर्व सैनिक संगठन और वनाधिकार समिति ने आरोप लगाया कि पहले भी पत्रावली कानून के विपरीत वन विभाग को भेज दी गई थी, जहां यह एक वर्ष तक पड़ी रही। अब फिर नई आपत्तियां लगाकर अधिसूचना में देरी की जा रही है।

 

 

ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही बिंदुखत्ता को राजस्व ग्राम घोषित कर अधिसूचना जारी नहीं की गई तो बड़ा जनआंदोलन किया जाएगा।

 

 

बैठक में उपस्थित रहे – भाजपा पूर्व मण्डल अध्यक्ष राम सिंह पपोला, भरत नेगी, दीपक जोशी, पूर्व सैनिक संगठन अध्यक्ष कै. खिलाप सिंह दानू, कै. प्रताप सिंह बिष्ट, कै. दलवीर सिंह कफोला, कै. हीरा सिंह बिष्ट, कै. खुशाल सिंह कोश्यारी, सूबेदार मोहन सिंह धामी, दीवान सिंह मेहता, वनाधिकार समिति से चंचल सिंह कोरंगा, गोविंद बोरा, नन्दन बोरा, रमेश गोस्वामी, बसन्त पाण्डेय, बलवंत बिष्ट, बलवंत सम्भल सहित पांच दर्जन से अधिक लोग मौजूद रहे।

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बिंदुखत्ता की जनता का आक्रोश

राजस्व ग्राम की अधिसूचना में हो रही देरी बर्दाश्त नहीं!

✅ DLC ने 19 जून 2024 को स्वीकृत किया दावा
✅ अधिनियम के अनुसार निर्णय अंतिम और बाध्यकारी
❌ डेढ़ वर्ष बाद भी अधिसूचना जारी नहीं
❌ विधायक के तर्कहीन बयान से जनता आहत

📢 चेतावनी: यदि तुरंत अधिसूचना जारी नहीं की गई
तो बिंदुखत्ता की जनता बड़े जनआंदोलन को होगी बाध्य!

 

✍️ पूर्व सैनिक संगठन व वनाधिकार समिति