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उत्तराखंड- शासन द्वारा प्रदेश में हो रहे सरकारी भूमि पर अतिक्रमण की कार्यवाही पर केंद्रीय रक्षा पर्यटन राज्य मंत्री अजय भट्ट का आया बड़ा बयान, भ्रांतियां फैलाने वाले हो जाए सावधान।

देहरादून न्यूज़– केंद्रीय रक्षा एवं पर्यटन राज्य मंत्री व नैनीताल उधम सिंह नगर संसदीय क्षेत्र से सांसद श्री अजय भट्ट ने कहा है कि राज्य सरकार द्वारा वन विभाग और सरकारी विभागों में अतिक्रमण कर रह रहे अतिक्रमणकारियो पर कार्यवाही की जा रही है लेकिन इस बीच असामाजिक तत्वों द्वारा कई प्रकार की भ्रांतियां भी फैलाई जा रही हैं जिस पर लोगों द्वारा विभिन्न प्रकार की आशंकाएं व्यक्त की गई है। श्री भट्ट ने कहा कि उनके द्वारा इस विषय में मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी वह मुख्य सचिव श्री एसएस संधू से वार्ता की गई है। यह कार्यवाही केवल लैंड जिहाद के खिलाफ की जा रही है। जिन्होंने वन भूमि या सरकारी भूमि में धार्मिक आड़ लेकर अतिक्रमण किया है उन पर सरकार कार्यवाही कर रही।

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केंद्रीय मंत्री श्री भट्ट ने बताया कि लैंड जिहाद पर सख्त होते हुए मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने वन विभाग एवं सरकारी विभागों में धार्मिक आड़ लेकर अतिक्रमण करने वालों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जा रही है लेकिन इस बीच कुछ असामाजिक तत्व वर्षों से निवास कर रहे लोगों के बीच भ्रांतियां फैला रहे हैं जोकि सरासर मिथ्या और झूठ है। उन्होंने कहा कि उनके द्वारा स्वयं लोकसभा के प्रथम सत्र में नैनीताल उधम सिंह नगर के वन क्षेत्र में कई दशकों से रह रहे लोगों को मालिकाना हक दिलाए जाने के विषय में सदन में सवाल उठाया है। जिसके बाद सरकार द्वारा वन क्षेत्रों में सालों से रह रहे लोगों के मालिकाना हक के लिए कार्यवाही भी गतिमान है। श्री भट्ट ने कहा कि लैंड जिहाद के खिलाफ कार्रवाई के बीच कुछ लोगों द्वारा कई दशकों से निवास कर रहे गांवों को भी हटाए जाने की मिथ्या खबरें सोशल मीडिया में डाली गई हैं जो कि पूरी तरह निराधार है।

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उन्होंने बताया कि कई जगहों पर दशकों से लोग बसे हुए हैं जहां स्कूल, कॉलेज अस्पताल, बैंक, आईटीआई डाकघर तथा बिजली, पानी, सड़क, चिकित्सा की सुविधाएं कई दशकों से उपलब्ध है उनको अतिक्रमण कारी नहीं कहा जा सकता। ऐसे स्थानों के मालिकाना हक के कार्यवाही पूर्व से ही चली आ रही है। इस विषय में उनके द्वारा मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी व मुख्य सचिव श्री एस एस संधू से भी दूरभाष पर वार्ता की गई है जिसमें स्पष्ट है कि सरकार की यह कार्रवाई लैंड जिहाद और सरकारी भूमि पर धर्म की आड़ में अतिक्रमण किए जाने को लेकर की जा रही है।

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ऐसे में उन स्थानों पर जहां लंबे समय से बसासते रह रही है। केंद्र व राज्य की विभिन्न योजनाएं क्रियान्वित हैं। ऐसे स्थानों के मालिकाना हक की भी कार्रवाई की जा रही है। ऐसे में मिथ्या एवं भ्रामक खबरों को नजरअंदाज करना चाहिए। श्री भट्ट ने कहा कि उनके द्वारा अधिकारियों को भी निर्देशित किया गया है कि सरकार के मंतव्य को समझते हुए ही अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए।