उत्तराखण्डकुमाऊं,

पेपर लीक कांड: भर्ती परीक्षाओं में जैमर हुआ फेल, आयोग के सामने खुली पोल

हल्द्वानी न्यूज़– उत्तराखंड की भर्ती परीक्षाओं में बार-बार सामने आ रहे पेपर लीक मामलों में अब जैमर की लापरवाही भी उजागर हो गई है। हरिद्वार के बहादुरपुर जट स्थित उस स्कूल में, जहां पेपर लीक प्रकरण का मुख्य आरोपित खालिद मलिक परीक्षा दे रहा था, जैमर से जुड़ी खामियां सामने आई थीं। हल्द्वानी के कई परीक्षा केंद्रों पर भी यही समस्या रही।

 

 

इस पूरे मामले का खुलासा एकल सदस्यीय जांच आयोग के दो दिवसीय जन संवाद कार्यक्रम में हुआ। शुक्रवार को सर्किट हाउस में आयोग के अध्यक्ष सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति यूसी ध्यानी की अध्यक्षता में बैठक हुई। इसमें परीक्षा केंद्रों के व्यवस्थापकों और पर्यवेक्षकों ने स्वीकारा कि कई जगहों पर जैमर ठीक से काम नहीं कर रहे थे और परीक्षा के बाद इस बारे में प्रपत्रों में भी उल्लेख किया गया।

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जैमर और ड्रेस कोड पर उठे सवाल

केंद्रों के प्रधानाचार्यों ने मांग की कि भविष्य की परीक्षाओं में जैमर संचालन के लिए आयोग स्तर से तकनीकी कर्मी नियुक्त किए जाएं। ताकि तकनीकी दिक्कतों का तत्काल समाधान हो सके। साथ ही उपकरणों की पूर्व जांच भी अनिवार्य की जाए।
कुछ शिक्षकों ने शिकायत की कि अभ्यर्थी कई जेबों वाली कार्गो पैंट पहनकर आते हैं, जिससे चेकिंग में दिक्कत होती है। इस पर नीट परीक्षा की तरह सख्त ड्रेस कोड लागू करने का सुझाव दिया गया।

 

 

युवाओं ने रखी परीक्षा रद्द करने की मांग

जन संवाद में युवाओं ने भी खुलकर भाग लिया। उत्तराखंड स्वाभिमान मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष भूपेंद्र कोरंगा और उत्तराखंड युवा एकता मंच के संयोजक पीयूष जोशी ने परीक्षा रद्द करने की मांग उठाई। वहीं छात्र राहुल दानू ने आयोग को भंग कर पुनर्गठन और भविष्य की भर्ती परीक्षाएं यूपीएससी से कराने का सुझाव दिया।

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जैमर और डिजिटल सत्यापन पर संदेह

अभ्यर्थी रजत बिष्ट ने आयोग के सामने बड़ा सवाल उठाया कि यदि जैमर सही से काम कर रहे थे तो डिजिटल सत्यापन के दौरान टीम के उपकरण इंटरनेट से कैसे जुड़ रहे थे? यह तकनीकी खामी या लापरवाही गंभीर विषय है, जिस पर आयोग ने विशेष ध्यान देने की बात कही।

 

 

 

पटवारी और बीडीओ परीक्षाएं ही क्यों होती हैं लीक?

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ओखलकांडा निवासी भूपेंद्र बिष्ट ने कहा कि बीते तीन स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षाओं के पेपर लीक हुए हैं और खासतौर पर पटवारी और बीडीओ पदों की परीक्षाओं में ही यह खेल सामने आता है। उन्होंने सवाल उठाया कि आखिर भर्ती आयोग में किस स्तर पर यह गड़बड़ी हो रही है।

 

 

निष्पक्ष और पारदर्शी जांच का भरोसा

आयोग अध्यक्ष न्यायमूर्ति ध्यानी ने कहा कि जांच पूरी तरह निष्पक्ष, पारदर्शी और तथ्यों पर आधारित होगी। नैनीताल जिले से शुरुआत की गई है और सभी जिलों में संवाद होगा। शनिवार को सुबह हल्द्वानी और दोपहर बाद रुद्रपुर में जन संवाद आयोजित होगा। आयोग ने साफ किया कि हर पक्ष की बात सुनकर ही अंतिम रिपोर्ट तैयार की जाएगी।