देहरादून- धामी कैबिनेट का बड़ा फैसला, प्रदेश में सशक्त भू-कानून पर लगी मुहर, जानें क्या हैं नए प्रावधान
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देहरादून न्यूज़– उत्तराखंड विधानसभा में बजट सत्र की अवधि बढ़ाने और सख्त भू कानून लागू करने की मांग को लेकर विपक्ष का सदन में प्रदर्शन किया है। इस बीच धामी कैबिनेट ने सख्त भू कानून को मंजूरी दे दी है। मुख्यमंत्री ने इसकी जानकारी दी है।
मुख्यमंत्री धामी ने सोशल मीडिया पर लिखा है कि, प्रदेश की जनता की लंबे समय से उठ रही मांग और उनकी भावनाओं का पूरी तरह सम्मान करते हुए आज कैबिनेट ने सख्त भू-कानून को मंजूरी दे दी है। यह ऐतिहासिक कदम राज्य के संसाधनों, सांस्कृतिक धरोहर और नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करेगा, साथ ही प्रदेश की मूल पहचान को बनाए रखने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। हमारी सरकार जनता के हितों के प्रति पूरी तरह से प्रतिबद्ध है और हम कभी भी उनके विश्वास को टूटने नहीं देंगे। इस निर्णय से यह स्पष्ट हो जाता है कि हम अपने राज्य और संस्कृति की रक्षा के लिए हरसंभव प्रयास करेंगे। निश्चित तौर पर यह कानून प्रदेश के मूल स्वरूप को बनाए रखने में भी सहायक सिद्ध होगा।
बता दें कि बजट सत्र के दूसरे दिन सदन के बाहर नेता प्रतिपक्ष सहित कांग्रेस के कई विधायक सत्र की अवधि बढ़ाने, भू कानून लागू करने और स्मार्ट मीटर के विरोध में सांकेतिक प्रदर्शन कर रहे हैं। माना जा रहा है कि भू कानून सदन में चर्चा के लिए लाया जाएगा।
क्या हैं नए भू कानून के प्रमुख प्रावधान ?
-त्रिवेंद्र सरकार के 2018 के सभी प्रावधान निरस्त
-पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की सरकार द्वारा 2018 में लागू किए गए सभी प्रावधानों को नए कानून में समाप्त कर दिया गया है।
-बाहरी व्यक्तियों की भूमि खरीद पर प्रतिबंध
-हरिद्वार और उधम सिंह नगर को छोड़कर, उत्तराखंड के 11 अन्य जिलों में राज्य के बाहर के व्यक्ति हॉर्टिकल्चर और एग्रीकल्चर की भूमि नहीं खरीद पाएंगे।
-पहाड़ों में चकबंदी और बंदोबस्ती
-पहाड़ी इलाकों में भूमि का सही उपयोग सुनिश्चित करने और अतिक्रमण रोकने के लिए चकबंदी और बंदोबस्ती की जाएगी।
-नियमित रूप से भूमि खरीद की रिपोर्टिंग
-सभी जिलाधिकारियों को राजस्व परिषद और शासन को नियमित रूप से भूमि खरीद से जुड़ी रिपोर्ट सौंपनी होगी।
-नगर निकाय सीमा के भीतर तय भू उपयोग
-नगर निकाय सीमा के अंतर्गत आने वाली भूमि का उपयोग केवल निर्धारित भू उपयोग के अनुसार ही किया जा सकेगा।
-यदि किसी व्यक्ति ने नियमों के खिलाफ जमीन का उपयोग किया, तो वह जमीन सरकार में निहित हो जाएगी।
-इस कानून से उत्तराखंड में बाहरी लोगों द्वारा अंधाधुंध भूमि खरीद पर रोक लगेगी।
-पहाड़ी क्षेत्रों में भूमि का बेहतर प्रबंधन होगा, जिससे राज्य के निवासियों को अधिक लाभ मिलेगा।
– भूमि की कीमतों में अप्राकृतिक बढ़ोतरी पर नियंत्रण रहेगा और राज्य के मूल निवासियों को भूमि खरीदने में सहूलियत होगी।
-सरकार को भूमि खरीद-बिक्री पर अधिक नियंत्रण प्राप्त होगा, जिससे अनियमितताओं पर रोक लगेगी।
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