‘हम तो सोचते थे यहां होता है सत्संग, पर ये तो पत्थर चला रहे है, सिर्फ TV में देखा, आज हकीकत में देखे वीडियो पत्थरबाजो की
आगरा में स्थानीय खुफिया तंत्र (एलआईयू) एक बार फिर फेल हो गया। सत्संगियों की तैयारी की थाह पुलिस व प्रशासनिक अफसर नहीं लगा पाए थे। उनके पास अपनी अलग वर्दी पहने बच्चे, महिलाएं और पुरुषों का एक ग्रुप भी था। पुलिस पर हमला करने के लिए कील लगे डंडे थे। इन्हें चलाने में माहिर ही नहीं, पथराव करने और बचने की कला भी सीखे हुए थे।
दयालबाग के डूब क्षेत्र में कब्जे के बारे में करीब 15 दिनों से प्रशासन की कार्रवाई चल रही है। दो केस दर्ज हुए थे। सत्संग सभा पर रास्तों को रोकने का आरोप लगाया गया। तीसरा केस शनिवार को दोबारा कब्जा करने का लिखा गया। इसके बावजूद पुलिस का खुफिया तंत्र सत्संगियों की तैयारी का आकलन नहीं कर सका।
रविवार को पुलिस व प्रशासनिक अफसर फोर्स के साथ कार्रवाई के लिए पहुंचे तो हकीकत का पता चला। 500 से ज्यादा पुलिस और पीएसी कर्मी एक गेट के आगे नहीं बढ़ सके। सत्संगियों की ओर से बच्चों और महिलाओं को ढाल बना देख महिला पुलिसकर्मियों को आनन फानन में बुलाना पड़ा।
सिर्फ कागजी रिपोर्ट का सहारा
ऐसा नहीं है कि पहली बार खुफिया तंत्र फेल हुआ है। शहर में कई बार बवाल की घटनाओं में सिर्फ कागजी रिपोर्ट का ही सहारा रहता है। बवाल के बाद हमलावर आसानी से निकल जाते हैं। शहर में छोटे-बड़े आयोजन, बैठकों के बारे में स्थानीय खुफिया तंत्र की रिपोर्ट ली जाती है। एलआईयू के अधिकारी जांच कर अपनी रिपोर्ट देते हैं। पर, यहां भी कागजी कार्यवाही तक ही बात रह गई।
हम सोचते थे यहां होता है सत्संग ये तो पत्थर चला रहे है‘
आगरा में दयालबाग में शाम को तब बवाल हो गया। जब पुलिस सत्संगियों को खदेड़ रही थी, सत्संगी पत्थर बरसा रहे थे। महिलाएं, युवा सभी शामिल थे। इससे आसपास कॉलोनियों में भी दहशत रही। गणेश बाग निवासी जगदीश हिरानी ने बताया कि हम तो सोचते थे कि ये लोग सत्संग करते हैं। यहां तो पुलिस पर पत्थर चला रहे हैं।
उन्होंने बताया कि हमसे ज्यादा बाहर रह रहे हमारे बच्चे डरे हुए हैं। पल-पल फोन कर पूछ रहे हैं। दयालबाग मार्केट जाकर दूध का पैकेट लाने में भी डर लग रहा है। पथराव देख हमारी कॉलोनी से कोई नहीं निकला। सब लोग घूम कर कमला नगर मार्केट से सामान ला रहे हैं।
वैष्णो धाम की साक्षी सिंह ने बताया कि हम तो टीवी में देखते थे कि जम्मू-कश्मीर में लोग पत्थर फेंकते हैं आर्मी के लोगों पर आज हकीकत में देखा पत्थरबाज कैसे होते हैं। पूरी कॉलोनी में दहशत है।
सत्संगियों का हमले में 12 पुलिस कर्मियों समेत 40 घायल हुए है।
आपको बता दें कि आगरा में राधास्वामी सत्संग सभा दयालबाग के अवैध कब्जा कर बनाए गेट को रविवार की शाम तीसरी बार हटाने पहुंची पुलिस-प्रशासन की टीम पर सत्संगियों ने हमला बोल दिया। पुलिस को चारों ओर से घेरकर पथराव किया, जिसमें 12 पुलिसकर्मियों समेत 40 लोग घायल हो गए।
शनिवार को प्रशासन ने टेनरी पर गेट नंबर 8 और श्मशान घाट रोड पर बनी दीवार और गेट को ढहाया था, लेकिन दो बार ढहाने के बाद रात में सत्संगियों ने गेट पर तार लगा दिए थे। पथराव में नगर निगम का बुलडोजर, ट्रक और ट्रैक्टर भी क्षतिग्रस्त हो गए थे।
इस मामले में भी प्रशासन और पुलिस की ओर से सत्संगियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है। वहीं शाम को सत्संग सभा को अपने दस्तावेज दिखाने के लिए सोमवार तक का समय दिया गया है। जिला प्रशासन ने शनिवार को दयालबाग में राधास्वामी सत्संग सभा की ओर से सड़कों को घेरकर बनाए गए 6 गेट तोड़े थे। जिसमें 16 बीघा 9 बिस्वा जमीन खाली कराई गई थी।
सत्संग सभा ने रात में फिर गेट लगा दिए, कंटीले तारों की बाड़ लगा दी। रविवार सुबह सत्संगियों को गेट नंबर 8 टेनरी पर पहुंचने के लिए मैसेज जारी किए गए। पुलिस प्रशासन शाम को 4 बजे जब फिर से गेट तोड़ने के लिए पहुंचा तो हजारों सत्संगी पहुंच गए। कई के हाथों में धारदार कंटीले हथियार थे। बुलडोजर आगे बढ़ते ही सत्संगियों ने पथराव शुरू कर दिया। आरोप है कि महिलाओं और बच्चों को आगे रखकर सत्संगियों ने पुलिस और प्रशासन पर पत्थर बरसाए।
हथियार ऐसे मिले जैसे गलवान घाटी में चीन की सेना ने किए थे इस्तेमाल
सत्संग सभा से जुड़ी महिलाओं ने बुलडोजर और ट्रक के शीशे तोड़ दिए। नगर निगम के ड्राइवर को पीटा। घायल 12 पुलिसकर्मियों समेत अधिकारियों को एंबुलेंस से अस्पताल भेजा गया। कुछ मीडियाकर्मी भी पथराव में लहूलुहान हो गए। जवाब में पुलिस ने सत्संगियों को लाठियां फटकार कर खदेड़ा। सत्संगियों के परिसर में ऐसे कंटीले तारों के हथियार मिले हैं, जैसे चीनी सेना ने गलवान घाटी में भारतीय सेना पर हमले के लिए इस्तेमाल किए थे।