उत्तराखण्डगढ़वाल,

देहरादून- स्पीड ब्रेकर पर 15 मिनट में 7 एक्सीडेंट, स्थानीय लोगों की नाराजगी के बाद DM ने लिया एक्शन

उत्तराखंड की राजधानी देहरादून के घंटाघर क्षेत्र में बने खतरनाक स्पीड ब्रेकर बीते चार दिनों से चर्चा का विषय बने हुए हैं। इन स्पीड ब्रेकरों के कारण हुई कई सड़क दुर्घटनाओं ने प्रशासन और संबंधित विभागों के कामकाज पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

घंटाघर पर बने इन बंप स्पीड ब्रेकरों की ऊंचाई और मानकों का ध्यान न रखने की वजह से 10 दिसंबर को रात के समय यहां कई सड़क दुर्घटनाएं हुईं। चौंकाने वाली बात यह है कि महज 15 मिनट के भीतर इस स्पीड ब्रेकर पर सात दुर्घटनाएं हुईं। इस कारण स्थानीय लोगों और वाहन चालकों में आक्रोश फैल गया।

दुर्घटनाओं की वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गई, जिसमें वाहन चालकों को गिरते और चोटिल होते देखा गया। इसके बाद प्रशासन ने 12 दिसंबर को इन स्पीड ब्रेकरों पर सफेद रंग की पेंटिंग की, जिससे वाहन चालकों को दूर से ही इसकी पहचान हो सके। यह पूरा विवाद नवंबर महीने में ओएनजीसी चौक पर हुए एक बड़े हादसे के बाद शुरू हुआ। 11 नवंबर को तेज रफ्तार इनोवा कार दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी, जिसमें छह लोगों की मौके पर ही मौत हो गई थी। सातवां व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो गया, जिसका अब भी अस्पताल में इलाज चल रहा है।

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जांच में सामने आया कि हादसे का कारण तेज रफ्तार थी। इनोवा कार की गति दुर्घटना के समय 150 किमी प्रति घंटा थी। इस घटना के बाद देहरादून पुलिस और प्रशासन ने तेज रफ्तार पर अंकुश लगाने के लिए शहर के अलग-अलग इलाकों में स्पीड ब्रेकर बनाने का फैसला किया। घंटाघर पर बनाया गया बंप स्पीड ब्रेकर प्रशासन के लिए समस्या बन गया। स्थानीय निवासियों और वाहन चालकों ने इसकी ऊंचाई और खराब डिजाइन को लेकर शिकायतें दर्ज कराई। इसके बाद जिलाधिकारी सविन बंसल ने इस मामले में हस्तक्षेप किया।

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जिलाधिकारी सविन बंसल ने कहा,”घंटाघर पर स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत बनाए गए स्पीड ब्रेकर मानकों के अनुरूप नहीं थे। इनकी ऊंचाई अधिक थी और यह वाहन चालकों के लिए दुर्घटनाओं का कारण बन रहे थे। इसलिए रातों रात इन स्पीड ब्रेकर को सही करवाया गया है.”।

कल यानी 12 दिसंबर की रात को जिला प्रशासन ने इस स्पीड ब्रेकर को तोड़कर उनकी ऊंचाई को कम कराया। इस दौरान अधिकारियों ने यह सुनिश्चित किया कि स्पीड ब्रेकर वाहन चालकों के लिए सुरक्षित हों और मानकों के अनुरूप बनें। इसके अलावा सचिव स्तर पर संबंधित विभागों से जवाब मांगा गया है। स्मार्ट सिटी परियोजना से जुड़े अधिकारियों से भी इस मामले में स्पष्टीकरण तलब किया गया है।

इस पूरी घटना ने देहरादून में सड़क सुरक्षा उपायों की तैयारियों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत बने स्पीड ब्रेकर जैसे छोटे कदमों को लागू करते समय मानकों का पालन न करने से बड़े हादसों का खतरा बढ़ जाता है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि प्रशासन को सड़क सुरक्षा के लिए उठाए जाने वाले कदमों पर अधिक ध्यान देना चाहिए। उन्होंने मांग की है कि शहर में बनाए जाने वाले सभी स्पीड ब्रेकरों की डिज़ाइन और गुणवत्ता की पहले से जांच होनी चाहिए।

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घंटाघर पर खतरनाक स्पीड ब्रेकर के कारण हुई दुर्घटनाओं ने प्रशासन को सड़क सुरक्षा उपायों की समीक्षा करने पर मजबूर कर दिया है। यह घटना इस बात की याद दिलाती है कि यातायात नियमों और संरचनाओं में छोटी-छोटी लापरवाहियां बड़े हादसों का कारण बन सकती हैं। अब देखना होगा कि प्रशासन भविष्य में ऐसी समस्याओं से निपटने के लिए कितनी प्रभावी रणनीति अपनाता है।