उत्तराखण्डगढ़वाल,
उत्तराखंड- यहाँ होली से पहले माँ-बेटी ने उठाया आत्मघाती कदम, दोनों ने एक साथ की अपनी जीवन लीला समाप्त, दोनों की कहानी जान हर कोई भावुक

- दोहरी आत्महत्या की घटना से सदमें में पूरा गांव
- अधिकांश समय एक-दूसरे के साथ ही बिताती थीं दोनों
हरिद्वार न्यूज़- मां-बेटी की आत्महत्या ने पूरे गांव को झकझोर कर रख दिया। हृदयविदारक घटना में सुसाइड नोट न मिलने के कारण आत्महत्या के पीछे की असली वजह अब तक स्पष्ट नहीं हो पाई है। लेकिन स्वजनों और पड़ोसियों के बयानों से जो तस्वीर सामने आई है, वह बेहद दर्दनाक है। इस घटना से सभी लोग भावुक दिखे।
पता चला है कि मां-बेटी के बीच गहरा लगाव था। बेटी पिछले काफी समय से गंभीर बीमारी से जूझ रही थी, जिससे वह उबर नहीं पा रही थी। इस कारण मां लगातार चिंता और दुख के साए में जी रही थी।
प्रारंभिक जांच के आधार पर पुलिस का मानना है कि बेटी की पीड़ा से व्यथित मां ने संभवतः उसे इस कष्ट से मुक्त कराने और उसकी हालत के सदमे में खुद भी जीवन समाप्त करने का कठोर निर्णय लिया।
मानसिक स्थिति पर बोझ
यह आत्महत्या अचानक नहीं हुई थी, बल्कि ऐसा प्रतीत होता है कि मां-बेटी काफी समय से घुटन और मानसिक तनाव झेल रही थीं। भले ही उन्होंने आत्महत्या का कदम बुधवार को उठाया, लेकिन उनकी मानसिक स्थिति पर यह बोझ लंबे समय से हावी रहा होगा।
घटना का खुलासा होते ही गांव में मातम पसर गया। पहले तो किसी को विश्वास ही नहीं हुआ कि मां-बेटी ऐसा भयावह कदम उठा सकती हैं। लेकिन जब बहू की चीख-पुकार सुनकर लोग घर पहुंचे और दोनों के शव फंदे से लटके देखे, तो हर कोई सन्न रह गया। परिवार के सदस्यों और स्थानीय लोगों ने बताया कि मां-बेटी स्वभाव से बेहद अंतर्मुखी थीं। वे अधिकांश समय एक-दूसरे के साथ ही बिताती थीं।
आर्थिक तंगी के साथ-साथ बेटी की वर्षों से चल रही बीमारी ने परिवार पर गहरा असर डाला था। बेटी का मानसिक अवसाद का इलाज भी चल रहा था, जिससे मां और अधिक व्यथित रहने लगी थी। पुलिस का मानना है कि मां शायद अपनी बेटी का दर्द और अधिक सहन नहीं कर पाई। बेटी को तकलीफ से मुक्त कराने की चाह में उसने खुद के जीवन का अंत करने का भी कठोर निर्णय लिया।
