आधार में फंसी बच्चों की अपार आईडी, टेंशन में गुरुजी
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अपार आईडी शिक्षकों से लेकर अभिभावकों के लिए सिरदर्द बन गई है। विभाग शिक्षकों पर दबाव बना रहा है। हर रोज कार्रवाई की चेतावनी दी जा रही है, तो शिक्षक लगातार अभिभावकों को फोन कर रहे हैं।
अभिभावक परेशान हैं। स्कूल पहुंचने पर कभी आधार में नाम की गलती बताई जाती है, तो कभी अन्य गलतियां। इन्हें सुधरवाने के लिए बैंकों की दौड़ लगा रहे हैं, लेकिन वहां भी लंबी लाइनें लगी हैं। इधर प्राइवेट स्कूल के संचालक भी परेशान हैं, तो अभिभावक भी आधार की गलतियों से टेंशन में। शासन द्वारा कक्षा एक से लेकर 12 वीं तक के सभी छात्र-छात्राओं का शैक्षिक विवरण आनलाइन करने के लिए अपार आईडी आवश्यक कर दी है। इसे बनाने के लिए आधार कार्ड की जरूरत है। अभी तक स्कूलों में अपार आईडी का कार्य काफी धीमी गति से चल रहा है।
इस पर शासन गंभीर हो रहा है। शासन अब इसे बनाने पर गंभीर हो रहा है। जिले में 532 परिषदीय स्कूल हैं, तो 200 से अधिक इंटर कॉलेज संचालित हैं, इनमें तीन लाख से अधिक छात्र-छात्राएं हैं। वन नेशन वन स्टूडेंट आईडी योजना के तहत बनाई जा रही ऑटोमेटेड परमानेंट एकेडमिक अकाउंट रजिस्ट्री अपार आईडी बनाने के लिए माता पिता से सहमति लेने सहित जनवरी के दूसरे सप्ताह तक कार्य पूर्ण होना था, लेकिन ऐसा नहीं हो सका है। प्राइवेट स्कूल भी अपार आईडी बनाने में जुटे हैं।
बेसिक और माध्यमिक शिक्षा महानिदेशक द्वारा स्कूल-कालेज संचालकों को चेतावनी जारी करने के निर्देश दिए हैं। स्कूलों में शनिवार को दिनभर अपार आईडी के लिए छात्र सहमति पत्र एवं आधार कार्ड की फोटोस्टेट लेकर घूमते दिखाई दे रहे हैं, लेकिन आधार का कार्य किसी के भी वश की बात नहीं है। डीआईओएस डीके सक्सेना ने बताया कि यह कार्य समयावधि में पूर्ण नहीं करने पर शिक्षकों का वेतन रोक दिया जाएगा। इसलिए लापरवाही न करें। 44 विद्यालयों को इस संबंध में नोटिस जारी किया गया है।
आधार कार्ड में त्रुटियां तो किसी के पास है ही नहीं
अभिभावक परेशान हैं। किसी के पास आधार कार्ड नहीं हैं, तो कहीं पर आधार में गलती होने से अपडेट कराना है, लेकिन औपचारिकताएं इतनी है कि कागजी कार्रवाई पूरी नहीं कर पा रहे। अभिभावकों का कहना है कि स्कूल से आधार अपडेट कराने के लिए कहा जा रहा है। लाइन में लगते हुए आधार बनवाने पहुंचे, तो वहां पर डिजिटल जन्म प्रमाण पत्र की मांग की।
अधिकारियों द्वारा बनाया जा रहा दवाब
शिक्षकों का कहना है कि काफी छात्रों के स्कूल रजिस्टर और आधार में जन्म तिथि अलग-अलग है। अधिकांश के पास जन्म प्रमाण पत्र भी नहीं है। अभिभावकों के नाम की अंग्रेजी में मिस्टेक, आउट आफ छात्र-छात्राओं के नाम यू-डायस पोर्टल से नहीं हटाने से कई समस्याएं आ रही हैं। जबकि अधिकारियों द्वारा जल्द से जल्द अपार आईडी को बनाने के लिए दबाव बनाया जा रहा है।
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