हल्द्वानी: फर्जी दस्तावेज़ों से स्थायी निवास प्रमाणपत्र बनवाने वाला अर्जीनवीस फैजान खुद भी निकला फर्जी, सरकारी सिस्टम में 12 साल से पैठ

हल्द्वानी न्यूज़- स्थायी निवास प्रमाणपत्र घोटाले में बड़ा खुलासा हुआ है। तहसील में फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से स्थायी निवास प्रमाणपत्र बनवाने वाला अर्जीनवीस फैजान खुद भी फर्जी पाया गया है। प्रशासनिक स्तर पर जांच में यह सच सामने आया कि फैजान के पास अर्जीनवीस के कार्य के लिए जारी होने वाला अधिकृत लाइसेंस ही नहीं है।
पुलिस जांच में खुलासा हुआ है कि फैजान बिना लाइसेंस के तहसील में काम कर रहा था और फर्जी प्रमाणपत्र बनाने का संगठित रैकेट चला रहा था। पुलिस अब फैजान के डिजिटलीकृत साक्ष्य खंगाल रही है और उन सभी लोगों को रडार पर लिया गया है, जिन्होंने फैजान की मदद से फर्जी तरीके से स्थायी निवास प्रमाणपत्र बनवाए हैं।
13 नवंबर को कुमाऊं कमिश्नर द्वारा बनभूलपुरा क्षेत्र में फर्जी प्रमाणपत्र बनाए जाने वाले घोटाले का भंडाफोड़ किया गया था। इसके बाद पुलिस ने मुख्य आरोपी फैजान सहित तीन लोगों को गिरफ्तार किया। पूछताछ में पता चला कि फैजान न सिर्फ गैरकानूनी तरीके से अर्जीनवीस का काम कर रहा था, बल्कि वह सरकारी विभागों के कुछ कर्मचारियों और अन्य लोगों को भी मोटी रकम देकर अपने अवैध काम में शामिल रखता था।
🔍 ऐसे चलता था घोटाला
स्थायी निवास प्रमाणपत्र बनवाने वाले व्यक्तियों के लिए पहले फर्जी आधार कार्ड तैयार किया जाता था
फिर उसी आधार की मदद से अपणि सरकार पोर्टल पर आवेदन किया जाता था
इसके बाद यूपीसीएल के डेटा एंट्री ऑपरेटर से 50 साल पुराने बिजली बिल की मांग की जाती थी
ऑपरेटर की मिलीभगत से उसी व्यक्ति के नाम का बिजली बिल बनाया जाता था
बिल पर यूपीसीएल की मुहर लगाकर पोर्टल में अपलोड किया जाता था
और इसी आधार पर स्थायी निवास प्रमाणपत्र स्वीकृत हो जाता था
12 साल से चल रहा था खेल
पुलिस जांच के अनुसार फैजान 12 वर्षों से बाहरी राज्यों के लोगों के फर्जी दस्तावेज़ बनवाकर स्थायी निवास प्रमाणपत्र जारी करवा रहा था। अधिकारियों का कहना है कि यह अभी केवल छोटे रैकेट का पर्दाफाश है, इसके पीछे बड़ा नेटवर्क सक्रिय है, जिसमें सिस्टम के अंदर और बाहर कई लोग शामिल हैं।
अब होगी बिजली और पानी के बिलों की जांच
एसपी क्राइम जगदीश चंद्र के अनुसार, पुलिस जल्द ही राजस्व विभाग को पत्र भेजकर उन सभी बिजली और पानी के बिलों की जांच करवाएगी, जिनका उपयोग स्थायी निवास प्रमाणपत्र जारी करने में किया गया था। इससे कई फर्जी प्रमाणपत्र धारक और सिस्टम में शामिल लोग पुलिस की गिरफ्त में आएंगे।
एसएसपी डॉ. मंजूनाथ टीसी ने कहा —
“अर्जीनवीस फैजान खुद फर्जी है। वह अधिकृत नहीं था और 12 साल से बाहरी लोगों के फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से प्रमाणपत्र बनवा रहा था। सिस्टम के अंदर शामिल लोगों की भी पहचान हो चुकी है, जल्द ही सभी की गिरफ्तारी होगी।”







