उत्तराखण्डकुमाऊं,गढ़वाल,

उत्तराखंड में एक साल में जुड़े इंटरनेट से 7.30 लाख नये उपभोक्‍ता, गांव वालों ने शहरी लोगों को छोड़ा पीछे

डिजिटलीकरण के दौर में इंटरनेट के बगैर कुछ भी संभव नहीं है। इंटरनेट वैश्विक जुड़ाव के लिए भी दूरसंचार का सबसे लोकप्रिय माध्यम बन गया है।

 

उत्तराखंड की विषम भौगोलिक परिस्थितियों की वजह से दूरस्थ क्षेत्रों में काफी समय तक नेटवर्किंग की समस्या बनी रही, मगर बीते कुछ वक्त में संचार सेवाओं का विस्तार होने से मोबाइल कनेक्टिविटी भी सुगम हुई है।

 

ऐसे में एक वर्ष के भीतर प्रदेश में 7.30 लाख नए उपभोक्ता इंटरनेट से जुड़े हैं।  भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने 23 अप्रैल को दिसंबर 2023 तक की रिपोर्ट जारी की है। इससे उत्तराखंड में इंटरनेट उपभोक्ताओं की संख्या में वृद्धि होने की पुष्टि हुई है।

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रिपोर्ट के अनुसार, दिसंबर 2023 तक प्रदेश में 96.1 लाख लोग इंटरनेट का प्रयोग कर रहे थे। इसमें ग्रामीण इलाकों में 47.3 लाख और नगरी क्षेत्र में 48.8 लाख लोग इंटरनेट का लाभ ले रहे थे।

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इधर, ट्राई की ओर से जारी दिसंबर 2022 के आंकड़ों को देखें तो प्रदेश में 88.8 लाख इंटरनेट उपभोक्ता थे। इनमें से 41.4 लाख ग्रामीण और 47.4 लाख शहरी क्षेत्रों के लोग आधुनिकता के साथ जुड़ते हुए इंटरनेट का प्रयोग कर रहे थे।

 

ऐसे में दो वर्षों के आंकड़ों की तुलना करें तो गांव में एक वर्ष के भीतर 5.90 लाख और शहर में सिर्फ 1.40 लाख नए सब्सक्राइबर्स आधुनिक संचार तकनीकी से जुड़कर लाभ ले रहे हैं। इससे स्पष्ट होता है कि गांव के लोगों को सुविधा मिलने से वह तकनीक का जमकर लाभ उठा रहे हैं।

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जिन क्षेत्रों में कोई भी आपरेटर नहीं पहुंच पाया, वहां निगम की ओर से सेवाओं का विस्तार किया जा रहा है। चरणबद्ध तरीके से विस्तार का क्रम जारी है। ऐसे में लोगों को लाभ मिल रहा है।भीम बहादुर, डीजीएम, बीएसएनएल