उत्तराखंड- नए वित्तीय वर्ष के लिए 1,01,175.33 करोड़ रुपये का बजट विधानसभा में पेश, इन सात सरोकारों पर खास फोकस
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- गरीब, युवा, अन्नदाता व नारीशक्ति, यानी ज्ञान और नमो के विकास मंत्र पर दिया बल
देहरादून न्यूज़– पुष्कर सिंह धामी सरकार सशक्त एवं विकसित उत्तराखंड के संकल्प को धरातल पर आकार देने को गरीब, युवा, अन्नदाता (किसान) और नारी यानी ज्ञान (जीवाइएएन) के चार प्रमुख स्तंभ के साथ ही नमो यानी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ओर से प्रदेश के विकास के लिए दिए गए मंत्र के आधार पर आगे बढ़ना जारी रखेगी।
विधानसभा सत्र के तीसरे दिन गुरुवार को वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने सदन में वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 1,01,175.33 करोड़ की राशि का बजट प्रस्तुत किया। पहली बार राज्य के बजट ने एक लाख करोड़ की राशि पार की है।
बजट में इन चारों वर्गों के कल्याण को प्राथमिकता देते हुए 5077 करोड़ की राशि रखी गई है। यद्यपि, महिलाओं के लिए जेंडर बजट 16961.22 करोड़ की व्यवस्था की गई है। इसे सम्मिलित करने पर यह राशि और बड़ी हो जाती है। शहरी और ग्रामीण विकास सरकार की प्राथमिकता में है।
ढांचागत सुविधाओं के विस्तार के लिए 855.95 करोड़ रुपये
शहरों में ढांचागत सुविधाओं के विस्तार के लिए 855.95 करोड़ रुपये बजट में दिए गए हैं। ग्राम्य विकास के लिए 2856 करोड़ बजट पोटली से निकाले गए हैं। अवस्थापना विकास को सर्वोच्च वरीयता दी गई। इस पर 14 हजार करोड़ से अधिक राशि खर्च की जाएगी। उत्तराखंड में स्वास्थ्य एवं शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए 16202 करोड़ की व्यवस्था की गई है।
प्रदेश सरकार ने समान नागरिक संहिता के रूप में बड़ी पहल की है। इसे क्रियान्वित करने के लिए 30 करोड़ बजट में रखे गए हैं। साथ ही केंद्र की ओर से लागू भारतीय न्याय संहिता के क्रियान्वयन पर होने वाले खर्च के लिए 20 करोड़ दिए गए हैं।
प्रदेश में नशे की प्रवृत्ति पर अंकुश लगाने पर विशेष बल दिया जा रहा है। इस संबंध में खुफिया तंत्र को सशक्त बनाने के लिए पुलिस विभाग को 10 लाख रुपये की राशि का प्रविधान किया गया है।
बजट में सात सरोकार
जल संरक्षण
- ””सारा”” के तत्वावधान में कंजर्वेंस के जरिए जलस्रोातों व नदियों का पुनरुद्धार।
- जैविक खेती को बढ़ावा देकर राज्य में भूजल के संरक्षण में भी मिलेगी मदद।
पर्यावरण संरक्षण
- सकल घरलू उत्पाद की तर्ज पर सकल पर्यावरणीय उत्पाद का भी आकलन।
- जलवायु परिवर्तन के खतरों से निबटने के लिए 60 करोड़ का प्रविधान।
नारी सशक्तीकरण
- विकसित उत्तराखंड के लक्ष्य की प्राप्ति को जेंडर बजट में 16.66 प्रतिशत की वृद्धि।
- वर्क पापुलेशन रेशियो बढ़ाने के उद्देश्य से शिशुओं की देखभाल को क्रैच केंद्र।
गरीबी उन्मूलन
- ग्रामीण उद्यम वेग वृद्धि परियोजना से गरीब परिवारों की आजीविका में वृद्धि।
- शिल्पी बुनकरों के संरक्षण-संवर्द्धन को उद्योग विभाग की शिल्पी पेंशन योजना।
स्वस्थ समाज
- स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार के लिए 4292.95 करोड़ रुपये के बजट का प्रविधान।
- आयुष्मान आरोग्य मंदिरों का एनएबीएच के माध्यम से कराया जा रहा प्रत्यायन।
सुशिक्षित समाज
- शिक्षा का अधिकार अधिनियम में प्रतिपूति को 178.83 करोड़ रुपये का प्रविधान।
- नौवीं से 12वीं तक के विद्यार्थियों को निश्शुल्क उपलब्ध कराई जाएंगी पाठ्य पुस्तकें।
जनसंख्या नियोजन
- विभिन्न विभागों में रिक्त पड़े पदों को पर पारदर्शिता के साथ चल रहा भर्ती अभियान।
- ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के लिए टाउट प्रोत्साहन योजना को 146 करोड़ रुपये का बजट।
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