उत्तराखण्डकुमाऊं,

हल्द्वानी- जिलाधिकारी के निर्देश पर सुशीला तिवारी अस्पताल में पर्ची काउंटर का निरीक्षण, अब फटाफट से बनेगी पर्ची, नही होगी लोगो को अब परेशानी

जिलाधिकारी की जनसुनवाई में स्थानीय लोगों द्वारा सुशीला तिवारी अस्पताल में मरीज के पर्चा काटने में हो रही देरी और भारी भीड़ के लिए बेहतर उपाय किए जाने की शिकायत के बाद DM द्वारा दिए गए निर्देशों के क्रम में आज जिला सूचना विज्ञान अधिकारी श्री राजेश तिवारी के साथ राजकीय मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर सुशीला तिवारी चिकित्सालय में रजिस्ट्रेशन काउंटर, इमरजेंसी पंजीकरण काउंटर एवं विलिंग काउंटर का निरीक्षण किया गया।

 

निरीक्षण में यह पाया गया कि राजकीय चिकित्सालय द्वारा बिरला सॉफ्ट सॉफ्टवेयर का 2004 से प्रयोग किया जा रहा है। जिसकी वर्ष 2009 से कंपनी द्वारा एएमसी समाप्त की जा चुकी है।सॉफ्टवेयर की कोडिंग पुरानी तकनीक में होने के कारण यह सर्वर हार्डवेयर में धीरे कार्य कर रहा है ।चिकित्सालय द्वारा कुछ पुराने कंप्यूटरों के साथ-साथ पंजीकरण काउंटर पर लेज़र के बजाय डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर का इस्तेमाल किया जा रहा है जिससे भी पंजीकरण में अधिक समय लग रहा है।

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इसके अलावा मरीजों की संख्या बढ़ाने एवं आईपीडी के मरीजों की संख्या में वृद्धि होने पर सर्वर पर लोड अधिक पढ़ने से भी रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया में प्रभाव पड़ता है जिस कारण सॉफ्टवेयर धीरे काम करने लगता है। जिस कारण कई बार एक पंजीकरण में 15 से 20 मिनट का समय लगता है। इसी सॉफ्टवेयर पर ओपीडी के साथ अस्पताल के 36 वार्ड एवं विभिन्न लैब जुड़े हैं ,जब एक साथ काम करते हैं तो सॉफ्टवेयर की स्पीड पर प्रभाव पड़ता है।

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अस्पताल प्रबंधन को वर्तमान में संक्रामक बीमारियों के बढ़ने के कारण काउंटरों की संख्या बढ़ाने के लिए कहा गया है कल से दो अतिरिक्त काउंटर स्थापित किया जा रहे हैं साथ ही डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर को लेजर प्रिंटर से रिप्लेस करने के लिए भी निर्देश दिए गए हैं। अस्पताल प्रबंधन द्वारा बिलिंग हेतु प्रथक से एक नया सॉफ्टवेयर मॉड्यूल बनाया गया है जो प्रयोग में लाया जा रहा है।

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जिस पर भुगतान हेतु यूपीआई के विकल्प को शीघ्र लागू करने के लिए कहा गया है इसके प्रबंधन द्वारा यह बताया गया है इसी सॉफ्टवेयर में पंजीकरण मॉड्यूल को जोड़ा जाना है जिसका कार्य 15 दिनों पूर्ण हो जाएगा, इसके उपरांत पंजीकरण प्रक्रिया में भी सुधार हो जाएगा, निरीक्षण के दौरान प्रिंसिपल राजकीय मेडिकल कॉलेज, चिकित्सा अधीक्षक STH उपस्थित रहे।