उत्तराखण्डगढ़वाल,

उत्तराखंड- पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत के खिलाफ ईडी की बड़ी कार्यवाही

  • 6.56 करोड़ रुपये बताई जा रही अटैच भूमि की पंजीकृत कीमत
  • 70 करोड़ रुपये से ज्यादा बताया जा रहा वर्तमान में बाजार मूल्य
  • पूर्व मंत्री हरक के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों की जांच के तहत हुई कार्यवाही

 

देहरादून न्यूज़-  प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लॉन्डिंग रोकथाम अधिनियम के तहत देहरादून में करीब 101 बीघा भूमि अस्थायी रूप से अटैच कर दी। सर्किल रेट के हिसाब से इस जमीन की कीमत 6.56 करोड़ जबकि वर्तमान में बाजार मूल्य सत्तर करोड़ रुपये से ज्यादा बताया जा रहा है। ये कार्रवाई पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह, बीरेंद्र सिंह कंडारी और अन्य के विरुद्ध जारी जांच के तहत की गई है।

यह भी पढ़ें 👉  हल्द्वानी नगर आयुक्त एक्शन में, काम के प्रति लापरवाही पाये जाने पर इनकी सेवाएं हुई समाप्त

 

ईडी काफी समय से हरक सिंह और उनके करीबियों के खिलाफ जांच कर रही है। जांच में सामने आया कि कोर्ट के स्पष्ट आदेश के बावजूद स्वर्गीय सुशीला रानी ने साजिश के तहत बरिंद्र सिंह कंडारी और नरेंद्र कुमार वालिया के नाम पर सहसपुर स्थित जमीन के दो पावर ऑफ अटॉर्नी दर्ज कराए।

यह भी पढ़ें 👉  उत्तराखंड में बिजली की भारी मांग और कम उपलब्धता के बीच एक बार फिर गहराया बिजली संकट, छोटे शहरों और कस्बों में भी शुरू हुई कटौती

 

बीरेंद्र सिंह, जो हरक सिंह के करीबी सहयोगी बताए जाते हैं, ने यह जमीन दीप्ति रावत और लक्ष्मी राणा को बेहद कम कीमत पर बेच दी। यह कीमत राजस्व विभाग के निधर्धारित सर्किल रेट से काफी कम थी। इन जमीनों के एक हिस्से पर दून इंस्टीट्‌यूट ऑफ मेडिकल साइंस है। जो पूर्णा देवी मेमोरियल ट्रस्ट के तहत संचालित होता है। इस ट्रस्ट की चेयरपर्सन दीप्ति रावत हैं। इसे हरक सिंह के परिवार और करीबी नियंत्रित करते हैं।

यह भी पढ़ें 👉  उत्तराखंड- यहाँ हुआ दर्दनाक सड़क हादसा, अनियंत्रित होकर नंदाकिनी नदी में गिरा वाहन, चालक की मौत।

 

जांच में यह भी खुलासा हुआ कि दीप्ति रावत और लक्ष्मी राणा ने बरिंद्र सिंह, हरक सिंह, स्वर्गीय सुशीला रानी व अन्य के साथ मिलकर साजिश रचते हुए यह 101 बीघा जमीन अपने नाम पर पंजीकृ पंजीकृत कराई। इंडी ने एक बयान जारी कर बताया कि उक्त तथ्यों के आधार पर करीब 101 बीघा जमीन को अटैच करने का आदेश जारी किया है। एजेंसी के अधिकारियों के अनुसार. मामले की जांच अभी जारी है।