उत्तराखण्डकुमाऊं,

हल्द्वानी- यहां देर रात कुमाऊँ कमिश्नर ने इस अस्पताल पर मारा छापा, बोले- आग लगी तो कैसे बाहर निकलेंगे मरीज, क्यों लगाया है गेट में ताला……

हल्द्वानी न्यूज़- कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत ने देर रात बेस अस्पताल में छापा मारा। इस दौरान भारी अनियमितताएं मिलीं। वार्ड को जाने वाले दोनों गेटों पर ताला लगा था। इस पर कमिश्नर ने गार्ड से पूछा कि वार्ड में आग लग गई तो मरीज कैसे बाहर निकलेंगे, तीमारदार को बाहर जाना होगा तो वे कैसे जाएंगे, कौन खोलेगा ताला। कमिश्नर दीपक रावत सोमवार रात 10:30 बजे बेस अस्पताल पहुंचे। एमरजेंसी में दो डॉक्टर मिले। उसके बाद वार्ड की ओर गए तो ताला लगा देख गार्ड पर बिफर गए। 

उन्होंने कहा कि वार्ड में आग लगी तो कैसे बाहर निकला जाएगा। गार्ड ने जवाब दिया उसका नंबर वार्ड में तैनात नर्स के पास है, वह फोन करेंगी। कमिश्नर बोले कि आग पूछकर लगेगी और तुम उतनी जल्दी ताला खोल दोगे।

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बेस अस्पताल में रात की ड्यूटी का जो चार्ट लगा था। उसमें सात जनवरी तक ड्यूटी लगी थी। इस पर कमिश्नर ने सीएमएस को नर्स से फोन लगवाया। पूछा कि आठ जनवरी से जेआर की ड्यूटी चार्ट क्यों नहीं लगाया। अस्पताल की ड्यूटी कैजुवल ड्यूटी नहीं है, ये सीरियस है। तीन बार आने के बाद भी जब आपके ये हाल हैं। 

बेस अस्पताल में एक फ्लेक्सी लगी थी। इसमें डीएम, एसडीएम, सिटी मजिस्ट्रेट सहित कई अधिकारियों के नंबर दर्ज थे। इसमें डीएम की जगह कमिश्नर का नंबर लिखा था। इस पर कमिश्नर बोले कि सात साल पहले जब मैं डीएम था, तब ये नंबर लगाए गए थे। अब भी यही फ्लेक्सी लगी हैं। कहा कि दो दिन के भीतर इन्हें बदलें। 

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कमिश्नर के छापे में एक सफाई कर्मी बोला साहब मैं 15 साल से नौकरी कर रहा हूं। ठेकेदार पीएफ नहीं काटता है। तनख्वाह भी सात हजार है। इस पर कमिश्नर ने सिटी मजिस्ट्रेट को मंगलवार को कैंप कार्यालय में लेबर कमिश्नर, ठेकेदार और सफाई कर्मियों को बुलाने के निर्देश दिए। 

सीएमएस देहरादून गई हैं। उन्होंने अपना चार्ज डा. दताल को सौंपा है। कमिश्नर ने डॉ. दताल को बुलाया। एक घंटे बाद भी डॉ. दताल नहीं पहुंचे। इस पर कमिश्नर बोले कि डॉक्टर इमरजेंसी में कैसे पहुंचते होंगे। जब मेरे बुलाने पर भी नहीं पहुंच रहे हैं। 

बेस के निरीक्षण के बाद कमिश्नर महिला अस्पताल पहुंच गए। पता चला कि वार्ड में आवाज देने के लिए बाहर जाना पड़ता है। इस पर कमिश्नर ने वार्ड में तीन दिन के अंदर घंटी लगाने के निर्देश दिए ताकि घंटी बजाने पर नर्स आ जाए।

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बेस अस्पताल में रात को तीन पीआरडी जवान की ड्यूटी लगी थी। ड्यूटी में सिर्फ एक ही गार्ड था। इस पर कमिश्नर रावत ने बीओ पीआरडी को मौके पर बुलाया। उन्हें कड़ी फटकार लगाई। कहा कि जब कैंप कार्यालय में बुलाकर रात में पीआरडी की ड्यूटी जांचने के निर्देश दिए थे तो क्यों ड्यूटी नहीं जांची। 

कमिश्नर रावत ने सिटी मजिस्ट्रेट, एसडीएम, तहसीलदार को मौके पर बुलाया। फटकार लगाई कि जब वे रात को निकलेंगे तभी पुलिस भी बाहर निकलेगी। उन्होंने मजिस्ट्रेटों को रात में निरीक्षण करने के निर्देश दिए।