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उत्तराखंड- अब ज्यादा बिजली खर्च करने पर लगेगा जोरदार झटका, उर्जा निगम की ये तैयारी

  • उत्तराखंड में बिजली कनेक्शन की स्वीकृत क्षमता से अधिक लोड इस्तेमाल करना अब भारी पड़ेगा। ऊर्जा निगम ने ऐसे उपभोक्ताओ पर पूरे प्रदेश में कार्यवाही शुरू कर दी गई है।

देहरादून न्यूज़- उत्तराखंड में बिजली कनेक्शन की स्वीकृत क्षमता से अधिक लोड इस्तेमाल करना अब भारी पड़ सकता है, लेकिन बिजली का लोड लगातार चार, पांच किलोवाट है इससे अधिक जा रहा है। यूपीसीएल का तर्क है कि इससे उसे आर्थिक घाटा हो रहा है।

ओवरलोड, ट्रांसफार्म फूंकने, सप्लाई में बार-बार बाधा आने जैसी समस्याएं आ रही हैं। वही यूपीसीएल के देहरादून शहरी क्षेत्र के एसई राहुल जैन के मुताबिक तीन बिलिंग चक्र में लगातार क्षमता से अधिक विद्युत भार का उपयोग करने वाले उपभोक्ताओं को नोटिस जारी किए जा रहे हैं। यदि नोटिस होने पर भी ऐसे उपभोक्ता ने अपना विद्युत बाहर नहीं बढ़ाया तो उनसे पांच बिलिंग चक्र के बाद अतिरिक्त लौड के हिसाब से जुर्माना वसूला जाएगा।

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विद्युत भार बढ़ने से भी बिल में बढ़ोतरी होगी

दो से चार किलोवाट तक 70 रुपये प्रति किलोवाट प्रतिमाह फिक्स चार्ज है। यदि किसी का 3 किलोवाट का कनेक्शन है तो फिक्स चार्ज 210 रुपए प्रतिमाह बनता है, 2 महीने के बिल में 420 रुपए फिक्स चार्ज जुड़ता है।

अगर कोई उपभोक्ता तीन से बढ़कर 4 किलोवाट का कनेक्शन कर देता है तो बिल पर फिक्स चार्ज बढ़कर प्रतिमाह 280 रुपए हो जाएगा। 2 महीने के बिल में 560 रुपये देने होंगे यानी 1 किलोवाट की बढ़ोतरी पर 140 रुपए अधिक देने होंगे।

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विद्युत भार बढ़ाने को उपभोक्ता यूपीसीएल के मोबाइल एप या ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। इसमें पुराने बिल की कॉपी, आधार कार्ड, आवेदन पत्र के साथ देना होगा। उपभोक्ताओं के बिल में स्वीकृत विद्युत भार का जिक्र रहता है इसी आधार पर फिक्स चार्ज भी लगता है। मीटर रीडिंग के वक्त मैक्सिमम डिमांड (एमडी) जांची जाती है।

उपभोक्ता यूपीसीएल की वेबसाइट में लोड कैलकुलेटर के ऑप्शन में जाकर घर के बिजली उपकरणों के अनुसार इस जांच सकते हैं। इसमें बल्ब, पंखे, कूलर, एसी, इनवर्टर, फ्रिज टीवी समेत तमाम इलेक्ट्रॉनिक सामान और उनके किलोवाट लिखे हुए हैं। उपभोक्ता उपकरण और उनकी संख्या चुनकर आकलन कर सकते हैं।

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वही उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड के निदेशक ऑपरेशन एमएसके प्रसाद बताया गया कि विद्युत भार बढ़ाने के लिए पूरे प्रदेश में कार्रवाई की जा रही है। मीटर रीडर के पास इसके लिए फार्म उपलब्ध रहेगा, जिसे उपभोक्ता मौके पर ही भर कर दे सकता है। इसके साथ ही विद्युत भार बढ़ाने को पूरे प्रदेश में शिविर भी लगने जा रहे हैं।